बरसात हिंदी कविता Manatle Sargam Hindi Kavita

। बरसात

बरसात की बूंदों की चमक,
हर एक टिपटिप की गहराई।
प्रकृति का नगीना, वर्षा की बातें,
प्रेम की भाषा, और एक रागी।

गरजती बादलों के साथ आती,
हर एक बूंद सपनों की प्यासी।
मिटा देती गर्मी की लपटें,
जगमगाती प्रकृति की स्वप्नी।

गंध चढ़ती है मिटटी की,
पृथ्वी का रंग बदलता है।
हर कोने से मौसम आता है,
हर दिल को अपनी भावना देता है।

जैसे कोई सुरीला गीत सुना,
बारिश की झूमते हुए बौछारें।
हर जीवन को नया संगीत दिलाती,
बरसात की मधुरता, अनुहारें।

मिट जाता है दिल का रोग यहां,
जब प्रकृति की गोद में लेते है विश्राम।
धरा की गोदी में घुलते हैं हम,
मन में आत्म-शांति और सुख का आराम।

बरसात के इस रोमांच से जीना,
अपनी रूह को नए रंग देना।
मन में बसने वाली खुशियों को,
बरसात की बूंदे समर्पित करना।

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